जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंच रहे उत्तरकाशी के बच्चे

उत्तरकाशी:- दुर्बिल गांव का पैदल मार्ग विगत काफी समय से अधर में लटका हुआ है। मोटर मार्ग पर मलबा आने के कारण गत एक सप्ताह से ग्रामीणों को जोखिम उठाकर आवाजाही करनी पड़ रही है। क्षतिग्रस्त मोटर मार्ग से सबसे ज्यादा कठिनाइयाँ स्कूली बच्चों को हो रही हैं। स्कूली बच्चे तीन किमी खड़े मार्ग से राजकीय इंटर कॉलेज राना में पढ़ाई करने जाते हैं, इससे अभिभावकों को अपने बच्चों की चिंता सता रही है। ग्रामीणों ने जल्द ही प्रशासन से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग बनाने की मांग की है।

गांव के मोहन लाल, दिनेश, सुमन, अनोद आदि ने बताया कि वर्षों से यह गांव सड़क से नहीं जुड़ पाया है, लेकिन आधी अधूरी सड़क मलबे के कारण दुर्बिल गांव को जोड़ने वाले पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही बंद हो गई है, इससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि गांव के ग्रामीणों के साथ ही वहां स्कूली बच्चों को करीब तीन किमी क्षतिग्रस्त खड़ी चढ़ाई वाले रास्तों से आना जाना पड़ रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि इस दौरान पैदल मार्ग पर मलबा और पत्थरों के आने का भय हर समय बना रहता है, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। अभिवावकों को अपने बच्चों की चिंता सताती रहती है। जब तक बच्चे स्कूल से सुरक्षित घर नहीं लौट जाते, रास्तों पर टकटकी लगाए बैठे रहते हैं। वहीं गांव में बीमार व्यक्ति और बुजुर्ग को सड़क मार्ग पर लेजाने के लिए कंडी का सहारा लेना पड़ता है. जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। इस संबंध में प्रशासन को पत्र लिखकर जल्द ही पैदल मार्ग दुरुस्त कर सुरक्षित आवाजाही लायक बनाने की मांग की है। गाँव वासियों ने कहा कि यदि मार्ग जल्द दुरुस्त नहीं किया गया तो मजबूरन तहसील परिसर में आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

मामले पर बड़कोट एसडीएम बृजेश कुमार तिवारी ने बताया की दुर्बिल गांव के रास्ते का मामला संज्ञान में है। जल्द ही संबधित अधिकारियों को मौके पर भेजकर रास्ते बनाएं जाएंगे।

वर्तमान समय में पहाड़ों में बारिश हो रही है, जिस कारण कई स्थानों पर मार्ग वॉशआउट और लैंडस्लाइड की घटनाएं घट रही हैं, इससे पहाड़ों में जीवन यापन करना चुनौती भरा हो गया है, दूसरी तरफ बारिश के कारण नदी नाले भी उफान पर आ गए हैं और नदियां भी अपना रौद्र रूप दिखा रही है।

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