डॉक्टरों द्वारा मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन को रिन्यू न कराना मरिजों के लिए घातक है। सभी जिलों के सीएमओ को इस संदर्भ में अभियान चलाकर कार्यवाही करनेके निर्देश दिए गए हैं साथ ही उन कारणों का पता भी करने को कहा गया है कि आखिर डॉक्टर लाइसेंस रिन्यू क्यों नहीं करा रहे हैं। यदि स्थिति अनुकूल नहीं पाई जाती है तो उचित कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए गए हैं। डॉ0 आर. राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य
देहरादून:- उत्तराखंड में लाइसेंस रिन्यू किये बिना मरिजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार ने डॉक्टरों के पंजीकरण रिन्यू न कराने के मामले को गंभीरता से लिया है।
इस संदर्भ में महानिदेशक स्वास्थ्य और सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। आपके अपने देवभूमि टुडे न्यूज पोर्टल ने शनिवार को खबर प्रसारित की थी कि उत्तराखंड में 2500 डॉक्टर बिना पंजीकरण रिन्यू कराये बगैर मरीजों का इलाज करने का मामला प्रमुखता से उठाया था। स्वास्थ्य सचिव ने इसका संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने सभी जिलों के सीएमओ को ऐसे डॉक्टरों के विरुद्ध उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिना लाइसेंस रिन्यू कराये बिना मरीजों का इलाज करना गलत है और सभी निजी अस्पतालों की जांच कर ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही के जाये।
मरीजों को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा
राज्य में डॉक्टरों के पंजीकरण को गंभीरता से न लेते हुए और उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल के नोटिस के बावजूद भी पंजीकरण रिन्यू न कराने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। अधिकारियों ने बताया कि जांच में गलत पाए जाने पर उनके लाइसेंस भी निरस्थ हो सकते हैं।
उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल को दिए निर्देश
उत्तराखंड नर्सिंग काउंसिल अब सरकार को डॉक्टरों के पंजीकरण की रिपोर्ट प्रत्येक तीन माह में उपलब्ध कराएगी तथा साथ ही डॉक्टरों की ओर से हो रही इस लापरवाही पर भी काउंसिल शासन को नियमित रूप से रिपोर्ट प्रेषित करेगी।
पंजीकरण रिन्यू नहीं करवाया तो भरना पड़ेगा जुर्माना
उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण रिन्यू न करने वाले डॉक्टरों को अब जुर्माना भरना पड़ा सकता है। काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ0 सुधीर ने बताया कि एक साल बाद पंजीकरण रिन्यू कराने पर दो हजार, दो साल पर तीन हजार, तीन साल पर पांच हजार का जुर्माना तय किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि समयानुसार पंजीकरण रिन्यू नहीं कराया गया तो उतना ही अधिक जुर्माना भरना पड़ेगा।
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