देहरादून:- पंचायत चुनाव ड्यूटी में नियमों की अनदेखी पर शिक्षकों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। चुनाव संम्पन कराने की ट्रेनिंग के चलते कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई में दिक्कत हो रही है, वहीं दूसरी ओर आने वाले समय मे महिला शिक्षकों की ट्रेनिंग के चलते और ज्यादा दिक्कत होगी।
प्राथमिक शिक्षक संघ ने तत्काल शिक्षक पति-पत्नी व गंभीर शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी से हटाने की मांग की है। जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र रावत ने बताया कि अधिकांश शिक्षक चुनाव ट्रेनिंग में थे, जिस कारण वहां पढ़ाई से लेकर मिड डे मील तक की दिक्कत हुई। जिलेभर में कई स्कूल ऐसे हैं जहां पर एक या दो शिक्षक हैं, उनकी भी चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है, संघ इसका विरोध करता है। स्कूलों में शिक्षक नहीं होंगे तो बच्चों के पढ़ाई कैसे होगी। कतिपय स्कूलों में मतदान केंद्र भी बनाये गए हैं, इसलिए उन स्कूलों को भी बंद रखने पड़ेगा।
यह स्थिति देहरादून जिले में ही नहीं अन्य जिलों में भी है। जहां एक ओर सरकार पंचायत चुनाव संम्पन कराने में जुटी है वहीं दूसरी ओर कई बाधाएं भी उत्पन्न हो रही है। इस वर्ष मानसून के जल्दी आने से पहाड़ी इलाकों में बादल फटने, नदी-नालों में पानी का उफान आना, रोड़ों का बंद होना एवं रास्तों का खराब होने की खबरें दिन प्रतदिन सुनाई दे रही है, जिससे मतदान केन्द्रों में पोलिंग पार्टीयों को पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
बिल्कुल सही कहा सबसे पहले तो बच्चों की पढ़ाई h । उन्हीं से देश का निर्माण होना है ।