गांव की सरकार बनाने को लेकर उत्तराखंड में गरमाया माहौल, महिलाएं पूरे जोश से लड़ रहीं चुनाव, 59 फीसदी महिलाओं ने कराया नामांकन
देहरादून: हरिद्वार जिले को छोड़ बाकी प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां देखी जा रही है. बीती 28 जून को पंचायत चुनाव संबंधित संशोधित अधिसूचना जारी होने के बाद 2 जुलाई से 5 जुलाई तक नामांकन की प्रक्रिया चली. ऐसे में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के 66,418 पदों के सापेक्ष 63,569 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भरा है. खास बात ये है कि कुल उम्मीदवारों के सापेक्ष 37,356 महिला उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं. जो कि कुल नामांकन का करीब 59 फीसदी है.
इसके अलावा पंचायत चुनाव के लिए हुए कुल नामांकन 63,569 में से अनुसूचित जनजाति वर्ग से कुल 2,401 प्रत्याशियों, अनुसूचित जाति वर्ग से 11,208 प्रत्याशियों और अन्य पिछड़ा वर्ग से 4,532 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी.
हर पंचायत चुनाव में महिलाएं बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करती आ रही हैं, लेकिन इस बार पंचायती राज विभाग की ओर से तय किए गए आरक्षण में भी महिलाओं के लिए 50 फीसदी से ज्यादा सीट आरक्षित की गई हैं जिसका असर नामांकन करने वाले उम्मीदवारों पर देखने को मिला।
हालांकि, आरक्षण करीब 50 फीसदी पदों पर की गई थी, लेकिन महिलाओं ने बढ़-चढ़कर इस बार पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत को आजमाने का निर्णय लिया है. जिसके तहत 59 फीसदी महिलाओं ने अपना नामांकन दाखिल किया है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, हरिद्वार जिला छोड़ बाकी प्रदेश के 12 जिलों में हो रहे हैं.
नामांकन की स्थिति: इस तरह से जिला पंचायत सदस्य के कुल 358 पदों के सापेक्ष 1,885 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है. जिनमें से 931 महिला उम्मीदवार हैं. क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2,974 पदों के सापेक्ष 11,478 नामांकन पत्र दाखिल हुए हैं, जिसमें 6,221 महिला उम्मीदवार शामिल हैं.
प्रधान ग्राम पंचायत के 7,499 पदों के सापेक्ष कुल 21,912 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र जमा किए गए हैं, जिसमें महिला उम्मीदवारों की संख्या 12,510 है. इसी तरह सदस्य ग्राम पंचायत के 55,587 पदों के सापेक्ष कुल 28,294 नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं, जिनमें महिला उम्मीदवारों की संख्या 17,694 है.
महिलाओं को आगे आना ही चाहिए और उनके लिए जो आरक्षण दिया गया है उसका फायदा भी जरूर उठाना चाहिए जब आगे आएंगे तभी तो देश में महिलाओं का विकास होगा ।